Friday, December 16, 2011

रूहानी गीत

दिल के दर्पण में मैंने जब 
उतारी उम्मीदों की छवियाँ;
तो दिखाई दिए मुझे झलक 
परमात्मा के पावन प्रेम का!

न मैं समझ पायी उनके 
अपार लीला को कभी भी;
पर यकीन मेरे दिल में हैं 
समझूँगी मैं भी एक दिन!

बस इक चाह हैं अभी दिल में
मोह माया में डूबकर यह मेरी
ज़िन्दगी कभी भी न हो जाए 
एक ही पल में  विध्वस्त !!! 

10 comments:

Rakesh Kumar said...

जहाँ चाह वहीँ राह.
निशा में आशा की किरण जगाती आपकी सुन्दर
प्रस्तुति के लिए आभार,निशा जी.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
आपका हार्दिक स्वागत है.

Seema said...

Bahut hi sunder Kavita.

Nisha said...

राकेशजी, धन्यवाद! आशा के बिना ज़िन्दगी कभी कभी बहुत कठिन होते हैं... जैसे आपने कहा, जहां चाह हैं, वहाँ राह हैं!

Nisha said...

Seema, Thank you! I am happy that you liked it..

Rakesh Kumar said...

आप हिन्दी में बहुत ही सुन्दर लिखतीं हैं,निशा जी.
आपका रूहानी गीत रूह को छूता है.
मेरे ब्लॉग पर आप आईं और अपना अमूल्य समय
टिपण्णी करने में दिया,इसके लिए मैं दिल से आभारी हूँ आपका.

मैं एक महीने में एक पोस्ट ही लिखता हूँ.समय मिलने पर
मेरी पोस्ट पढ़ने की कोशिश अवश्य कीजियेगा.आपके सुविचार मेरा
मार्गदर्शन करेंगें.

Nisha said...

Rakeshji,
Once again, Thanks for the good words. I read your post on Hanuman and I liked your portrayal of Hanuman as Jap Yajna and Praanaayam. It is indeed an enlightening post. I shall surely try and read your posts... Thank you!

Mohanan Moothiringode said...

Great; keep going!

Nisha said...

Thank you Mohanetta!

Deepa Gopal said...

Beautifully expressed, Nisha...
He is always there, ready to connect...only we need to tune our frequency and find our path.
His ways sublime, His love omnipresent!

Nisha said...

Thanks a lot Deepa! Many a times we need to take some time to look into ourselves to find HIS presence in us!

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