Saturday, November 5, 2011

गुलमोहर..

नीले अम्बर के तले हाथ फैलाये खड़े
गुलमोहर के फूलों ने मुझे बुलालिए |
फूलों की लालिमा से खिल उठे 
मेरे जीवन के यह इक पल!

लाल लाल फूलों का मुस्कुराहट  
दिल के अंधियारों को उजाला कर दी;
 दूर जाते पगडंडियों पर बिछे
फूलों की लाली दिल को महका दी |

ओंस की बूंदों में नहलाके,
हँसी की आँचल में लहराके ,
गुलमोहर ने अपने निराले प्यार के 
नमूने छोड़ दिए मेरे राहों पर!

अकेली नहीं हूँ मैं इस दुनिया में,
यह आसरा देती हैं ये  मुझे;
गुलमोहरों के यह लाल कतार
दिल में जगाती हैं उम्मीद के आसार!!!

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